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नया-नया

नई- नई जमीन
आसमां नया नया
आसमां के नीचे
दरख्तों के साए में
घोंसला नया नया
सब तरफ है हरियाली
मगर मिट्टी नई -नई
आ गया दिल कहाँ
ये जहां नया -नया
मुझे क्या रास आएगा
अपनों के बिन यहाँ
दिल लगा ढूढँने तुझे
हर पल यहाँ -वहाँ
एक धुंध सी है कि
छँटती ही नहीं
मैं अलग निकल आया
है ज़मे कारवाँ कहाँ।
मीनू यतिन
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