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ऐसा भी नहीं

वक्त भर देता है हर ज़ख्म वक्त के साथ दोस्त
मैने भी ये मान लिया इस बात से इनकार नहीं ।
तेरी जुस्तजू तो है, पर तेरा इंतजार नहीं।
मैं गुनहगार हूँ के नहीं ,तुम इसका फैसला न करो,
मेरे गुनाहों पे सवाल करते हो तो, सुनो,
मुझपे उंगली वो उठाए जो गुनहगार नहीं।
ये तो बस रूठने मनाने का रिश्ता है हम में,
हमारी ये दोस्ती बड़ी पुरानी है,
नहीं,हमारे बीच कोई गहरी तकरार नहीं।
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