माँ

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meenu yatin

15 Oct 20241 min read

Published in poetrylatest

लाल चुनर ओढे़ माँ
लाल है सिगांर
भीड़ उमड़ पडी़ भक्तों की,
माँ का सज गया दरबार ।

शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी,
कूष्मांडा,कात्यायनी
स्कंदमाता ,कालरात्रि
महागौरी, महालक्ष्मी,
विध्यवासिनी
माँ कल्याणी
नव दुर्गा महारानी ।

नवरात्रि का पर्व है पावन
माता का सब करते सुमिरन
कन्या में रूप दिखे माता का
कन्या का जन करते पूजन ।

भक्तों की आस सवारें माँ
सब आए तेरे द्वारे माँ
सबकी मंशा पूरी करती
जो भी मन से ध्याये, "माँ"।

मीनू यतिन

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माँ

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meenu yatin

15 Oct 20241 min read

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लाल चुनर ओढे़ माँ
लाल है सिगांर
भीड़ उमड़ पडी़ भक्तों की,
माँ का सज गया दरबार ।

शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी,
कूष्मांडा,कात्यायनी
स्कंदमाता ,कालरात्रि
महागौरी, महालक्ष्मी,
विध्यवासिनी
माँ कल्याणी
नव दुर्गा महारानी ।

नवरात्रि का पर्व है पावन
माता का सब करते सुमिरन
कन्या में रूप दिखे माता का
कन्या का जन करते पूजन ।

भक्तों की आस सवारें माँ
सब आए तेरे द्वारे माँ
सबकी मंशा पूरी करती
जो भी मन से ध्याये, "माँ"।

मीनू यतिन

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