
हर गुजरता साल

हर गुजरता साल
आने वाले साल को
एक जिम्मेदारी सौंपता है
कुछ कर्ज बाकी रखता है
कुछ उधारी सौंपता है
जुड़ जाते है दिन
महीनों में सालों में।
हर दिन को कुछ
बारी बारी सौंपता है
पूरे करना है कई अधूरे काम
ये फ़र्ज़ याद दिलाता है
नसीहतें दे कर उसको
अपनी वो तैयारी सौंपता है।
मीनू यतिन
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