हर गुजरता साल

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meenu yatin

18 Dec 20241 min read

Published in poetrylatest

हर गुजरता साल
आने वाले साल को
एक जिम्मेदारी सौंपता है
कुछ कर्ज बाकी रखता है
कुछ उधारी सौंपता है
जुड़ जाते है दिन
महीनों में सालों में।

हर दिन को कुछ
बारी बारी सौंपता है
पूरे करना है कई अधूरे काम
ये फ़र्ज़ याद दिलाता है
नसीहतें दे कर उसको
अपनी वो तैयारी सौंपता है।

मीनू यतिन

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meenu yatin

18 Dec 20241 min read

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हर गुजरता साल
आने वाले साल को
एक जिम्मेदारी सौंपता है
कुछ कर्ज बाकी रखता है
कुछ उधारी सौंपता है
जुड़ जाते है दिन
महीनों में सालों में।

हर दिन को कुछ
बारी बारी सौंपता है
पूरे करना है कई अधूरे काम
ये फ़र्ज़ याद दिलाता है
नसीहतें दे कर उसको
अपनी वो तैयारी सौंपता है।

मीनू यतिन

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