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इस बार दिवाली

झिलमिलाती लड़ियां, जगमगाती गलियां
दियों की कतारें, आतिशबाजियां
मुंडेरों पे रोशन रंग बिरंगी बत्तियां ।
अमावस की रात आज तारों की मोहताज नहीं
चाँद को भी आज खुद पे नाज नहीं।
सब कुछ वही है हर साल के जैसा
पर इस साल तू मेरे पास नहीं।
खुश रहना हमेशा, मुस्कुराते रहना
मैं नहीं पास पर कोई बात नहीं।
रोशन रहे तेरी मुस्कान की लौ
तेरे जीवन का जगमगाता चिराग रहे।
ये नहीं तो अगले बरस सही
और भी जगमगा उठेगा घर मेरा
जब जब मेरे चिराग मेरे पास रहे।
रचयिता
मीनू यतिन
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