
मैं समय हूँ । ( भाग 2)
मैं समय हूँ । ( भाग 2)
मैं समय हूँ,
बीतने के लिए
और बीत जाऊँगा।
सब देखूँगा होता हुआ,
पर खामोस
गुजर जाऊंगा।
मैं समय हूँ
इंतजार में बड़ी मुश्किल
से कटता हूँ,
फिर वह ख़ुशी का हो या ग़म का,
पर आखिर कट ही
जाऊंगा।
मैं समय हूँ।
करता मैं कुछ नही, पर कभी अच्छा
तो कभी बुरा कहलाऊंगा।
मैं समय हूँ।
रचयिता- दिनेश कुमार सिंह
मैं समय हूँ । ( भाग 1)
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