सफ़र, प्यार और एक अधूरी दास्ताँ

 

सफ़र, प्यार और एक अधूरी दास्ताँ

कुछ कहानियों में अनेकों कहानियां छिपी होती। शायद मेरी कहानी भी इन्हीं में से एक है।

सारांश

प्यार कब, किससे हो जाए.. कहना मुश्किल है… प्यार में न जात देखी जाती और न बिरादरी.. प्यार तो दो दिलों का संगम है, जो दैहिक सुख से परे है.. यूं तो प्यार करने वालो का विरोध हर युग में होता आया है..पर प्यार करने वाले न कभी रुके है और न कभी रुकेंगे…

प्रस्तुत कहानी प्यार की एक अनोखी दास्ताँ को बयां करती है। प्यार हमेशा पूर्ण हो, ये जरूरी तो नहीं.. कभी-कभी प्यार अपूर्ण होने के बावजूद कई मायने में सम्पूर्ण हो जाती.. इसी अपूर्णता में संपूर्णता की कहानी है, ‘सफऱ, प्यार और एक अधूरी दास्ताँ’

उपसंहार

अंशुमन ने उस घटना के करीब 3 साल बाद शादी कर ली। परिवार के लाख मना करने के बाद भी […]