हिंदी  (Hindi)

मैं

हूँ भीड़ में शामिल मगर इसका हिस्सा नहीं ।

कीमत

नफरत ,बर्बादी के सिवा क्या देगी जो चीज खुद हो बुरी, वो […]

राम

इस माटी की दुनिया में डूबे हुए सारे है, कोई दौड़े, नगर […]

धूप

आंखों में उसके भी नींद लिपटी होगी, पत्तों के कंबल से झांकती […]

कमी

यूँ तो कहने को बहुत कुछ था, जो तू जानता नहीं था […]

तीज

हाथों में मेंहदी लगा के सखी नाम साजन का उसमें