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अष्टावक्र गीता

भगवान् कृष्ण की गीता में विश्व के प्रत्येक धार्मिक और अधार्मिक आदमी के लिए कुछ न कुछ मसाला मिल जायेगा – सभी लोग अपनी संभावनाएं गीता में देख लेते हैं| अष्टावक्र की गीता में सबके लिए संभावनाएं नहीं हैं|

चारों वर्णों की एकात्मता का, ‘सद्विप्र’ का पर्व है होली

हमलोग यदि मन को केंद्र बिंदु बना लेते हैं तो मन सुख चाहता है; तब हम पद, पैसा और प्रतिष्ठा के इर्द-गिर्द घूमेंगे|

मुक्तिदाता गुरु

आज प्रथम जनवरी से नववर्ष प्रारम्भ हो गया। आप सभी लोग नए वर्ष का स्वागत ध्यान, जप, हवन, गुरु पूजा से प्रारम्भ कर रहे हैं।

परम वचन

यह शब्द अत्यन्त कीमती है। इसका अर्थ सत्य वचन नहीं होता है। चूँकि सत्य के विपरीत असत्य है।

सम्पूर्ण कर्मों में अनासक्ति का भाव और फलाकाँक्षा का त्याग

हे पार्थ! इन यज्ञ, दान और तपरूप कर्मों को तथा और भी सम्पूर्ण कर्मों को आसक्ति और फलों का त्याग करके अवश्य करना चाहिए; यह मेरा निश्चय किया हुआ उत्तम मत है