अष्टावक्र गीता
भगवान् कृष्ण की गीता में विश्व के प्रत्येक धार्मिक और अधार्मिक आदमी के लिए कुछ न कुछ मसाला मिल जायेगा – सभी लोग अपनी संभावनाएं गीता में देख लेते हैं| अष्टावक्र की गीता में सबके लिए संभावनाएं नहीं हैं|
भगवान् कृष्ण की गीता में विश्व के प्रत्येक धार्मिक और अधार्मिक आदमी के लिए कुछ न कुछ मसाला मिल जायेगा – सभी लोग अपनी संभावनाएं गीता में देख लेते हैं| अष्टावक्र की गीता में सबके लिए संभावनाएं नहीं हैं|
हमलोग यदि मन को केंद्र बिंदु बना लेते हैं तो मन सुख चाहता है; तब हम पद, पैसा और प्रतिष्ठा के इर्द-गिर्द घूमेंगे|
शिवत्व को, अपने आत्मस्वरूप को उपलब्ध होने के महापर्व ‘महाशिवरात्रि’ के अवसर पर विशेष….
वेद के ऋचा की ही बात सद्गुरु कबीर सतही भाषा में कहते हैं कि पाँच तत्वों एवं तीन गुणों से इस शरीर का निर्माण परम पुरुष ने किया है।
राम अयोध्या पहुँचते हैं। भरत भक्ति, श्रद्धा के प्रतिरूप हैं। वे स्वागत करते हैं।
आज प्रथम जनवरी से नववर्ष प्रारम्भ हो गया। आप सभी लोग नए वर्ष का स्वागत ध्यान, जप, हवन, गुरु पूजा से प्रारम्भ कर रहे हैं।
हमारा स्थूल शरीर माँस, मेद और अस्थि से निर्मित है। इसी में प्राण स्थित है। जो इस शरीर को जीवनी शक्ति प्रदान करता है।
उपवास प्रकृति का नियम है। नवरात्र व्रत में उपवास का महत्त्व है। नवरात्र का अर्थ होता है-नव रात्रि।
यह शब्द अत्यन्त कीमती है। इसका अर्थ सत्य वचन नहीं होता है। चूँकि सत्य के विपरीत असत्य है।
हे पार्थ! इन यज्ञ, दान और तपरूप कर्मों को तथा और भी सम्पूर्ण कर्मों को आसक्ति और फलों का त्याग करके अवश्य करना चाहिए; यह मेरा निश्चय किया हुआ उत्तम मत है