Author:
ARATI SAMANT
Loves to read/write/listen poems, Shayari, articles. My family and events around the world motivates me to write. Writing is my passion and it gives life to my thoughts which are unexpressed. Still a lot to learn and express !
मेरे जीवनसाथी
कुछ आंखों से झलकता है कुछ दिल की जुबानी है,
यह तेरा मेरा प्यार हर रोज बुनता नई कहानी है।
बेवफाई और तन्हाई
आज फिर उठा लिया जाम थरथराते हाथों ने
फिर वही दिल की नाकाम कोशिश तुझे भुलाने के लिये,
माँ, तुम बहुत याद आती हो
हर पल हर लम्हा मेरे साथ हो तुम, कई सालो मेरे दिल को ये समझाती हूँ।
तुम बहुत याद आती हो माँ, मैं भूल नहीं पाती हूँ ।
बलिदान
भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा जब पूरे जोश से लगाओगे ।
वादा करो मुझे उस पल तुम भूल नही जाओगे ,
बदलती दुनिया
दिल ए नादाँ किसे ढूँढ रहा है इस भीड़ में, वो शिद्दत वाली मोहब्बत अब नहीं मिलती।
पास बुलाकर बस गम ही दे जाएगी ये दुनिया, किसी के साथ बैठकर अब दिल को राहत नहीं मिलती।