Author:

ARATI SAMANT

Loves to read/write/listen poems, Shayari, articles. My family and events around the world motivates me to write. Writing is my passion and it gives life to my thoughts which are unexpressed. Still a lot to learn and express !

‘माँ, तुम बहुत याद आती हो’ सस्वर पाठ

मेरी कविता “ माँ तुम बहुत याद आती हो” उन सभी लोगों को समर्पित है जिन्होने उम्र के किसी ना किसी पड़ाव मे अपनी माँ को खोया है।

मेरा भाई

और क्या मांगू भगवान से जब तुम जैसा रहनुमा मैंने जिंदगी में पाया है।
वैसे तो बड़े भाई को ” दादा ” कहकर ही है बुलाते,
पर हम बहनों ने तुम्हें हमेशा “भइया” ही बुला या है ।

मुझे प्यार हुआ था

आज ऑफिस के किसी जरूरी क्लाइंट के साथ मीटिंग थी इसलिए रोहित सुबह ही उठ गया था। अपनी प्रेज़ेंटेशन को एक दफा फाइनल टच देने का सोच कॉफ़ी का मग हाथ में लिए लैपटॉप में डूबा हुआ था।

भूली बिसरी यादें

बेटा स्माइल! ऐसा कहते हुए नंदिनी ने जब अपनी बेटी हिमानी की फोटो अपने मोबाइल से खींचने चाही तब उसकी बेटी हिमानी ने झल्लाते हुए कहा, “क्या मां आप जब देखो फोटो-फोटो बोलती रहती हैं, मुझे अच्छा नहीं लगता ।जब भी कुछ नया पहनो तो आप मोबाइल लेकर सामने आ जाती हो।”

वो माँ है…

उसका होना सबका सुकून है,
और आसपास न होना सबकी बैचैनी
घर के साथ दिल में भी बस जाती है
वो माँ है जो सब सहती जाती है।