जरा सोचो
![](https://www.storyberrys.com/wp-content/uploads/2024/05/Untitled-1-7.jpeg)
सबका अपना एक मानक है
सबकी अपनी परिभाषा है
हर एक की परिभाषा में
ढल पाओगे क्या?
सबका एक नजरिया है
सबकी अपनी एक कसौटी है
हर कसौटी पर खरे
उतर पाओगे क्या?
खुद से पूछो सवाल ये
खुद को ही दो जवाब भी
जो अब भी समझ आया नहीं
औरों को समझाओगे क्या?
जो तुम हो न ,सबसे बेहतर हो
किसी सा क्योंही बनना है
खर्च करना संभल कर
ऊर्जा अपनी
लंबा है सफर और
आखिरी छोर तक पहुँचना है
अभी राह में मिलेगें
ऐसे राही कई
दूर बहुत दूर तलक चलना है
सबका ही सोचोगे
तो बढ़ पाओगे क्या?
खुद की कमियों को ही
गिनोगे तो
आगे निकल पाओगे क्या?
मीनू यतिन