ढाई लाख का कैमरा
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ढाई लाख का कैमरा
“उठो सौम्या ! देर हो रही है, आज पहले ही दिन हम देर से पहुँचेगें।” सौम्या को जगाते हुए नेहा उसकी किताबें बैग में रखने लगी। नेहा ओर सौम्या बचपन की सहेलियां और पड़ोसी हैं। दोनों के परिवारों के बीच भी घनिष्ठता है। आज दोनों का इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहला दिन है।
“अरे यार! फिर से 9बज गए, ये कमबख़्त घड़ी भी न!
पता नहीं कब बजी कब चुप हो गई।” सौम्या बिस्तर से लपक कर बाहर आते बोली।
“हाँ, हाँ ठीक है सारी गलती घड़ी की है चलो अब तो जाओ जल्दी से तैयार हो।”, नेहा ने कहा।
सौम्या उसके गले लग कर बोली, “जो हुकुम मेरी जान”
लक्ष्मी आंटी नेहा से बोलीं ,”सौम्या को नींद और गाने से जितना प्यार है उतना काश किताबों से भी होता। दिन भर या तो तुम्हारा साथ चाहिए, या तो गाना। बाकी समय सोने से फुरसत नहीं इसे।”
नेहा हंसकर बोली, “आँटी वो गाती भी तो बहुत अच्छा है। एक ही तो शौक है उसका।”
कुछ ही देर में दोनों विश्वविधालय के अंदर थीं। सौम्या और नेहा दोनों ही बहुत हँसमुख और मिलनसार थीं। जल्द ही दोनों के कई अच्छे दोस्त बन गए।
एक दिन यूँ हीं सीढि़यों पर जाते हुए कुछ लड़के लड़कियों के एक झुंड ने उन्हें रोका, और उनसे उनके बारे में पूछने लगे। नेहा को किसी की नकल करने को कहा। उसने कोशिश की, पर सबने मज़ाक बनाया। फिर एक गंभीर से दिखने वाले लड़के ने, जो कि अब तक चुपचाप खड़ा सब देख सुन रहा था , नेहा से गाने को कहा। नेहा थोड़ा घबराई हुई थी सो वो सौम्या की तरफ देखने लगी।
सौम्या ने गाना शुरु किया और सब उसे देखते रह गए, चुपचाप मंत्रमुग्ध से।
गाना खत्म होते ही तालियों की गड़गड़ाहट सीढियों पर गूंज उठी। सौम्या ने उन लोगों को एक नजर देखा और कहा, “हर इंसान हर चीज़ नहीं कर सकता, फिर भी अगर कोशिश करता है तो अगर प्रोत्साहन नहीं दे सकते तो कम से कम मज़ाक तो नहीं बनाना चाहिए ।”
दोनों वहां से चली तो गईं ,मगर किसी की निगाह उन को दूर तक देखते रहीं। कुछ तो था, उस साँवली सी लड़की में जो धनंजय सौम्या के बारे में सोचता रहा ।
अगले दिन क्लास करके दोनों बाकी और सहेलियों के साथ कैंटीन पहुँची, के तभी आयुष, जो नेहा का अच्छा दोस्त है, नेहा को पूछा “क्या कल तुम दोनों धनंजय सर ने कुछ गाने को कहा था”।
नेहा ने कहा “हाँ, कहा पर सौम्या ने गाना गाया।
“सौम्या , तुमको पता है सर हमारे सीनियर हैं, मेरे ही हास्टल में रहते हैं। कल से सारे जूनियर्स को बुलवा के पूछ रहे थे कि कोई जानता है क्या तुम्हें। मैं तो समझ गया था कि पूरी यूनिर्वसिटी में कोई सौम्या से अच्छा गा ही नहीं सकता।”
नेहा ने चहकते हुए कहा, “दोस्त किसकी है!”
सौम्या हंसते हुए बोली, “नेहा मैडम की।”
आयुष हर बात धनंजय सर की तारीफ़ कर रहा था।
नेहा ने बोला “तुम ये क्या कर बार सर, सर कर रहे हो ? किसी ने पूछा तुमसे? चलो, क्लास है ।”
आयुष ने अपने जन्म दिन पर अपने कुछ दोस्तों को ‘नेतराम’ में दावत दी। नेहा, सौम्या को भी बुलाया। मैरुन रंग के सूट ,खुले लंबे बालों में सौम्या बहुत सुंदर लग रही थी। वहीं नेहा गुलाबी सलवार कुरते में बहुत प्यारी। आयुष नेहा को देखता रह गया। बोला” नेहा आज कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही हो तुम दोनों।”
केक कटते ही आयुष एक टुकड़ा लेकर नेहा की ओर बढ़ा ही था कि उसके दोस्तों ने केक छीन कर उसके पूरे चेहरे पर लगा दिया। आयुष इसके लिए तैयार न था। केक से सना चेहरा लेकर अपनी भोली आँखों से नेहा को देखने लगा। पर नेहा को खिलखिलाता देख वो भी हँस पड़ा। सौम्या कुछ दूर से ये सब देखकर मुस्कुरा रही थी।
धनंजय सौम्या के पास आकर बोला,”मैं आपसे उस दिन के लिए अपनी और अपने दोस्तों की तरफ से माफी मांगता हूँ, किसी का मज़ाक बनाने का कोई इरादा नहीं था ।”
सौम्या ने कहा, “कोई बात नहीं। वैसे भी माफी आपको किसी और से माँगनी चाहिए न कि मुझसे।”
”उनसे भी मैं बात कर चुका हूँ।” धनंजय ने विनम्रता से कहा।
सौम्या ने हैरानी से पूछा ,”कब!”
“अभी, इसी जगह पहले उन से ही मिलकर आ रहा हूँ। “
“ओह!”, सौम्या ने कहा।
फिर धनंजय इधर उधर की बातें करने लगा। सौम्या अनमने ढंग से सुन रही थी बीच- बीच में नेहा की तरफ उम्मीद से देख लेती कि अब तो नेहा मेरे पास आ जाए मन ही मन नेहा पर गुस्सा कर रही थी “नेहा की बच्ची! मुझे यहाँ फँसा कर पता नहीं कितना बात कर रही है सबसे !”
और तभी आयुष और नेहा केक ले कर आते हैं ।
आयुष ने केक देते हुए सौम्या से पूछा “सौम्या तुम सर से मिली ? सर तुम्हारे गाने से इतना प्रभावित हुए कि हमें लता मंगेशकर के गानों कि पूरी कैसेट लानी पड़ी क्यूँकि हम में से किसी को भी नहीं पता था कि वो गाना है किस पिक्चर का ।”
ये सब सुनती सौम्या के चेहरे पर धीरे से एक मुस्कान तैर गई । उसको मुस्कुराता देख आयुष के भीतर और जोश आया और उसने धनंजय सर कि ओर गर्वित मुस्कान से देखा । फिर दोबारा सौम्या कि ओर मुड़ा और बोला,” सौम्या तुम्हें पता है सर को फोटोग्राफी का भी बड़ा शौक है उनकी खीचीं तस्वीरों को देखकर कोई नहीं कह सकता कि किसी ने शौकिया खीचीं है ।”
जेब से एक ब्लैक एंड वाइट फोटो निकालते हुए उसने गर्व् से कहा ,”ये देखो ये ढाई लाख् के केमेरे से खींचा हुआ फोटो है। उसका इतना कहना ही था कि फोटो देखने से पहले हि सौम्या और नेहा ज़ोर से हँस पड़ी,सौम्या हसंती गई, पर नेहा ने हंसते हसंते पूछा ,”अच्छा आयुष तो क्या ढाई लाख के कैमेरे से कोई जादू हो जाता है या इंसान बदल जाता है?”
आयुष धनंजय का मुँह देखता कभी उन दोनों का पर धनंजय बड़े प्यार से सौम्या को हंसते हुए देखता रहा। सौम्या ने हंसते हसंते धनंजय की ओर देखा और उसे अपनी तरफ इस तरह देखते वो सकपका सी गई और उसकी हँसी अचानक से गायब हो गई।
नेहा सौम्या का हाथ पकड़कर उसे एक कुर्सी की ओर ले गई और उसे बैठाते हुए बोली, “मैं कुछ खाने के लिए लेकर आती हूँ फिर हम घर चलेंगे वरना बहुत देर हो जाएगी।”
सौम्या को वो आँखे भूल ही नहीं रहीं थीं,वो साधारण सा देखने वाला लड़का इतना अच्छा क्यों लग रहा था! रास्ते भर वो उसके ख्याल को झटक रही थी और दूसरी तरफ नेहा उसे छेड़ रही थी। घर पहुँच के सौम्या सीधे लक्ष्मी आँटी के गले लग गयी।
आँटी के गले लगते ही उसकी सारी परेशानियाँ, सारी थकान दूर हो जाती थी।
आँटी ने उसे दुलारते हुए पूछा,” क्या हुआ बेटा”?
कि तभी फोन की घंटी बज उठी,(९०, के दशक में मोबाइल फोन नहीं होता था)
आँटी ने फोन पर बात की, फिर सौम्या से कहा, “सौम्या गुड्डी मौसी परसों शाम अपने रिश्तेदार के साथ घर आ रही हैं, नेहा के साथ मिलकर कुछ अच्छा सा बना लेना।”
मौसी मौसा जी अपने रिश्तेदारों से सबका परिचय करा रहे थे। नेहा और सौम्या चाय-नाश्ता लेकर जैसे ही कमरे में आईं ,दोनों चौंक गईं, सामने मौसा जी के पास धनंजय बैठा था। सौम्या और नेहा का सबसे परिचय हुआ। तब पता चला कि धनंजय का परिवार सौम्या को देखने आया था। औपचारिक बातचीत के बाद धनंजय ने सौम्या से बात करने की इच्छा जाहिर की।
धनंजय ने सौम्या से कहा, “आप मुझे पहले ही दिन से पसंद हैं। अगर आपको भी मैं आपके लायक लगूं तो ही’ हाँ’ कहना ,किसी के भी दबाव में नहीं ।मैं इंतज़ार करूँगा आपकी हाँ का फिर चाहे कितना भी समय लगे।”
पलट कर फिर उसने कहा, “मेरा ढाई लाख का कैमरा मेरे और आपके साथ की फोटो का इंतज़ार करेगा।।”
सौम्या उसे जाते हुए बड़े गौर से देख रही थी, उसे धनंजय की सादगी और विनम्रता बहुत पसंद आई।
शादी की पहली वर्षगांठ पर सौम्या कमरे की दीवार पर उसी ढाई लाख के कैमेरे से खिचीं धनंजय के साथ अपनी हसंती हुई फोटो देख कर बरबस मुस्कुरा रही थी।
मीनू यतिन
Photo by Pixabay: https://www.pexels.com/photo/adult-camera-couple-face-219616/
Well written
Thank you thank you
Very nice Meenu 😊😊
Thank you