मेरा मसीहा
![](https://www.storyberrys.com/wp-content/uploads/2022/01/My-project-45.jpg)
मेरा मसीहा
मेरा क़ातिल ही मेरा मसीहा बन गया,
ज़ख्म तों बहुत दिए मगर मुझे वोह कुछ बना गया।
बरसों रुका काम वो यूंहीं सुलझा गया,
सवालों के सैलाब में वोह डूबो गया,
मगर मुझे तैरना भी सिखा गया।
जुबां पर किसी और का नाम वो बता गया,
जज्बातों का क़त्ल कर वो चला गया,
मगर समझदारी का पाठ वोह सिखा गया।
जैसे बिन टूटे कोई पत्थर मूर्ति नहीं बनतीं,
उनका असर कुछ ऐसे ही मुझ पर बन गया,
अपने मासूम मुस्कुराहट से, मुझे वो चुप करा गया।
मेरे क़ातिल को मेरी दुआयें लग जाएं,
चेहरे पर मुस्कुराहट हमेशा सज जाएं,
मेरा क़ातिल ही मेरा मसीहा बन गया ।।
रचयिता – स्वेता गुप्ता
Kya baat Kya baat Kya baat 👏
Well done!!! Keep up ur excellent writing skills!!
Thank you so much for encouraging 🙏❤🙏 … Your appreciation works as my energy booster 🥰🥰
Thank you dear🤩
Keep on!!❤️